गुरुवार, 6 जून 2013


     ''कुछ अनकही''

    ........2........

क्या ग़लत है क्या सही

यह सोचते सोचते ही ,

हम ने जिंदगी गुज़ार दी


इसलिए कुछ ना किया,

न ग़लत न सही


ऊपर वाले ने जो भी जिंदगी दी

लगता है सब बेकार गई

तमन्नाएँ जितनी भी थी 

या तो गैर क़ानूनी थी या

उसने किसी और की झोली में डाल दी


इसलिए कुछ नहीं किया

न ग़लत न सही


जिंदगी में शायद अब

कोई तमन्ना और ना रही!!

...................यशपाल भाटिया [26दिसंबर,1997] 

शुक्रवार, 31 मई 2013

'कुछ अनकही' ...1...

दोस्तो कुछ काव्य रचनाएँ जो कभी बहुत पहले लिखीं थी आज आप लोगों के साथ बाँटना चाहता
हूँ...''कुछ अनकही''...और आशा करता हूँ आप सबको यह पसंद आएँगी और आप सब की हौंसला
अफ़साई इस में और इज़ाफ़ा करने में पूर्णतया सहायक होगी........

कुरेदो किसी भी इंसान को, अपना सा लगता है
दिल में उसके भी ,एक जख्म कहीं पलता है
हर शख्स दोहरी सी जिंदगी जीता है
हंसता है महफ़िल में,अक्सर अकेले में रोता है

सारी दुनिया से जीत जाता है,
लेकिन अपनों से ही हमेशा हारता है
पूछो उससे तो कहता है,
वो तो दुनिया भर का मज़ा मारता है

Photo: दोस्तो कुछ काव्य रचनाएँ जो कभी बहुत पहले 
लिखीं थी आज आप लोगों के साथ बाँटना चाहता 
हूँ...''कुछ अनकही''...और आशा करता हूँ आप सबको
यह पसंद आएँगी और आप सब की हौंसला अफ़साई 
इस में और इज़ाफ़ा करने में पूर्णतया सहायक होगी........
          ''कुछ अनकही''
          ........1..........
कुरेदो किसी भी इंसान को, अपना सा लगता है
दिल में उसके भी ,एक जख्म कहीं पलता है
हर शख्स दोहरी सी जिंदगी जीता है
हंसता है महफ़िल में,अक्सर अकेले में रोता है

सारी दुनिया से जीत जाता है,
लेकिन अपनों से ही हमेशा हारता है
पूछो उससे तो कहता है,
वो तो दुनिया भर का मज़ा मारता है

आस का पंछी दूर डाल पर होता है
ना ही उड़ता है और ना हाथ आता है
दर्द हर इंसान का,इंसान अपने सा ही पाता है
इंसान फिर भी ना जाने क्यों जीना चाहता है? 
..................यशपाल भाटिया [26दिसंबर,1997]

आस का पंछी दूर डाल पर होता है
ना ही उड़ता है और ना हाथ आता है
दर्द हर इंसान का,इंसान अपने सा ही पाता है
इंसान फिर भी ना जाने क्यों जीना चाहता है? 

        ........यशपाल भाटिया [26दिसंबर,1997]
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शुक्रवार, 24 मई 2013

मुसीबतों से डर कर भाग मत, 
पलट कर देख मुसीबत भी रुक जाएगी |
तन के उसके सामने खड़ा हो जा,
वो अपनेआप ही झुक जाएगी |
बदलेगा दिन बदलेगा मुकद्दर,
तक़दीर तेरी भी संवर जाएगी ||

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

इंटरनेट पर काम करते हुए 
                          जब कुछ समझ नहीं आया 
तो मैंने बेटे से पूछा 
                          उसने बड़े प्यार से बताया 
लेकिन मुझे कुछ कम समझ आया ,
                           मैंने फिर पूछा उसने दोबारा बताया 
जब मैंने कुछ करना चाहा 
                           तो फिर कुछ समझ नहीं आया 
मैंने फिर उससे पूछा 
                           तो वो झल्लाया और चिल्लाया
तीन बार बताया आपको समझ नहीं आया 
                           तो अब आएगा भी नहीं 
तो मैंने उसे अपने पास बिठाया 
                           और बताया 
बचपन में जब उसे गिनती लिखा रहा था 
                           उसे 2 लिखना नहीं आ रहा था 
तब मैंने उसे हाथ पकड़कर 
                           एक महीने तक सिखाया था 
तब तुझे 2 लिखना आया था 
                           अब वो चुप था वो शर्मिंदा था 
और मैं मुस्करा रहा था .......

गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

दोस्तों किसी से दिल लगाना नहीं चाहिए
                     
           गलती से  लग  ही  जाए तो आजमाना नहीं चाहिए

 आजमाने  पे  कोई  अपना  नहीं रहता  

                          वो बेवफा का नाम भी नहीं सहता

बुधवार, 24 अप्रैल 2013

वतन की मिट्टी पे चलना सीख ,
संगमरमर पे चलेगा तो फिसल जाएगा| 
परदेस में पैसा कितना ही कमा ले, 
सुकून अपने देश में ही पाएगा ||
"हमने जीवन को जीने के नए ढंग अपनाए है,
सबको अपने दिल में जगह दी है और 
सबके दिलों में अपने लिए घर बनाए हैं |"